गुरुवार, 19 अक्तूबर 2017

अयोध्या की दीपावली

 दीपावली  भारत का प्रमुख पर्व है। त्रेता युग में भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन के बाद दीपावली मनाई गई थी। श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूरा कर और अत्याचारी रावण का वध कर अयोध्या लौटे थे। समूची अयोध्या उनकी प्रतीक्षा कर रही थी। कार्तिक अमावस्या के अंधेरे को दूर करने के लिए प्रत्येक अयोध्यावासी ने अपने राजा राम के लिए देहरी-देहरी दीप जलाए थे। अयोध्या जग-मग हो उठी थी। तभी से पूरे देश में दीपावली मनाई जाती रही है। परंतु, दु:ख की बात है कि राम जिस देश की आत्मा हैं, उसी देश में उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है। पहले राम के जन्मस्थल पर बने मंदिर को ध्वस्त कर वहाँ विधर्मियों और आक्रांताओं ने मस्जिद तामीर करा दी थी। अब वहाँ मस्जिद तो नहीं है, परंतु मंदिर भी नहीं है। अपने ही घर में राम तंबू में हैं। सहिष्णु और उदार हिंदू समाज न्याय के मंदिर की ओर अपेक्षा से देख रहा है। उसे न्याय की प्रतीक्षा है। केन्द्र और राज्य में सरकार बदलने से जनमानस में एक भरोसा पैदा हुआ है। सरकार की ओर से भी मंदिर निर्माण पर सकारात्मक संकेत दिए जा रहे हैं। हालाँकि, सभी पहले न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
 
          एक प्रश्न बार-बार उठाया जाता है कि अब तो केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। दोनों जगह मजबूत एवं पूर्ण बहुमत की सरकार है। इसके बाद भी राम मंदिर में देरी क्यों? जबकि भाजपा राम मंदिर की घोर समर्थक है और राम मंदिर उसके घोषणा-पत्र में शामिल रहा है। यह प्रश्न विरोध ही नहीं, अपितु भाजपा समर्थक भी उठाते हैं। प्रश्न ठीक भी है, किंतु हमें यह समझना चाहिए कि मंदिर निर्माण का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचारधीन है, इसलिए अभी सरकार के स्तर पर निर्णय करना एक तरह से कोर्ट की अवमानना होगा। हिंदू समाज जब वर्षों से प्रतीक्षा कर रहा है, तो उसे थोड़ी और प्रतीक्षा कर लेना चाहिए। तब प्रश्न है कि भाजपा के सरकार में आने का क्या अर्थ हुआ? केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद भी भले ही हिंदू समाज को मंदिर निर्माण के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ रही है, परंतु हमें मानना होगा कि राम मंदिर निर्माण और राम के पक्ष में वातावरण तो बदल ही गया है। इस वर्ष अयोध्या की दीपावली इसी बदले हुए वातावरण का परिणाम है। 
           स्वतंत्र भारत में यह पहली बार है जब अयोध्या में दीपावली के लिए उत्साह से तैयारियां की गईं। पूरी अयोध्या रंग-बिरंगी रोशनी से नहाई हुई है। सरयु के तट प्रफुल्लित हैं। अयोध्या को इस प्रकार सजाया गया कि मानो राम आज फिर अयोध्या लौटे हों। यह भी पहली बार है कि जब उत्तरप्रदेश का कोई मुख्यमंत्री दीपावली मनाने के लिए अयोध्या पहुँचा। अयोध्या में दीपावली मना कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम भक्तों का दिल जीत लिया है। पूरे उत्साह से दीपोत्सव का भव्य आयोजन कर उन्होंने जनभावनाओं का सम्मान किया है। उन्होंने राम भक्तों के मन में यह भरोसा भी बढ़ाया है कि भारतीय जनता पार्टी न राम को भूली है और न ही अयोध्या को। पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने अयोध्या में 'रामायण संग्रहालय' बनाने की घोषणा और इस वर्ष राज्य सरकार ने सरयु नदी के तट पर 100 मीटर ऊंची भगवान श्रीराम की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। दीपोत्सव के अवसर पर प्रत्येक रामभक्त को राममंदिर निर्माण का शुभ संकल्प करना चाहिए। जिस प्रकार का वातावरण देश में बना है, उसके आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि यह संकल्प सिद्ध जरूर होगा।

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